Holy scriptures

Tuesday, May 26, 2020

Complete guru

कहावत है कि ‘पानी पीजै छान के और गुरु कीजै जान के।’ सच्चा गुरु ही भगवान तुल्य है। इसीलिए कहा गया है कि ‘गुरु-गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पांय, बलिहारी गुरु आपनो जिन गोविंद दियो मिलाय।’ यानी भगवान से भी अधिक महत्व गुरु को दिया गया है। यदि गुरु रास्ता न बताये तो हम भगवान तक नहीं पहुंच सकते। अतः सच्चा गुरु मिलने पर उनके चरणों में सब कुछ न्यौछावर कर दीजिये। उनके उपदेशों को अक्षरशः मानिये और जीवन में उतारिये। सभी मनुष्य अपने भीतर बैठे इस परम गुरु को जगायें। यही गुरु-पूर्णिमा की सार्थकता है तथा इसी के साथ अपने गुरु का भी सम्मान करें।

जो स्वयं आत्मा को नहीं जानते वे दूसरों को आत्मा पाने का गुर बताते हैं। तरह-तरह के प्रलोभन देकर धन कमाने के लिए शिष्यों की संख्या बढ़ाते हैं। जिसके बाड़े में जितने अधिक शिष्य हों वह उतना ही बड़ा और सिद्ध गुरु कहलाता है। मूर्ख भोली-भाली जनता इनके पीछे-पीछे भागती है और दान-दक्षिणा देती है। ऐसे धन-लोलुप अज्ञानी और पाखंडी गुरुओं से हमें सदा सावधान रहना चाहिए।

सतगुरु   वेदों तथा शास्त्रों के ज्ञान से परिपूर्ण होता है  स्वयं ही  परमात्मा होता है  वर्तमान समय में  संत रामपाल जी महाराज एक पूर्ण सतगुरु है  जो  तत्वज्ञान के आधार पर  मानव समाज को  सत भक्ति प्रदान कर रहे हैं

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